29-04-2020 (Dedicated to Irrfan Khan) April 29, 2020 आज ज़िदंगी तुझपे बेरहम हुई हैं, मातम नहीं क्योंकि मुकदर यही हैं। जो आंसू निकले मेरी आंखो से, चलो, गया तू बेहतर कहीं हैं। इश्क़ करता तेरी आंखो से, वो बंद हैं, जो तू छाप छोड़ गया, वो हमेशा यही हैं। हस्ते रहना जहां भी है तू, तेरे जैसा इस ज़मीन को मिला और कोई नहीं है। -29/04/2020 We will miss you. ❤️ Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Labels Hindi Poem Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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